Wednesday, October 6, 2010

एक कहानी और दो चुटकुले

पागलखाने के डॉक्‍टर ने संता को बुलाया और कहा -
मैंने अन्य पागलों से सुना कि तुमने बड़ी ही बहादुरी और नेकी का काम किया है। पर क्या करें किस्मत को कुछ और ही मंजूर होता है, जिस पागल को तुमने टब में डूबने से बचाया था उसने फांसी का फंदा लगाकर आखिर जान दे ही दी।

संता - नहीं डॉक्‍टर साहब, जब उसे टब से निकाला तो वो बहुत गीला था, इसलिए मैंने ही उसे रस्सी पर सूखने के लिए डाला था।
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दुबई में तीन दोस्त एक 60 मंजिला इमारत के टॉप फ्लोर पर रहते थे।
एक दिन लिफ्ट खराब थी, रात का समय। तो तीनों ने सोचा आज सीढ़ियों से ही अपने निवास तक पहुंचे। यह तय हुआ कि टाईम पास और बोर होने से बचने के लिए सबसे पहले कोई युद्ध और रोमांच भरी कहानी सुनायेगा, दूसरा एक मजेदार कहानी सुनायेगा और तीसरा एक दुखभरी कहानी। अपने निवास के दरवाजे पर जाकर तीसरे का एक दुखभरी कहानी सुनाने का मौका आया तो वो बोला - माफ करना दोस्तो! मैं फ्लेट की चाबी नीचे कार ही में ही छोड़ आया हूं।
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मिसेज सलोनी एक पार्टी में अपने पति से: देखो उस शराब पीते हुए आदमी को देख रहे हो, उसने 10 साल पहले मुझे शादी के लिए प्रपोज किया था, पर मैंने साफ इंकार कर दिया था।
पति: ओह! ये तो गजब हो गया। वो आज तक पीकर जश्न मना रहा है।
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लतीफ मियां और रसूख मियां बचपन की दोस्त थे, पर दशकों बाद साठ की उम्र में मिलने पर ढेर सारी बातें हुईं।
लतीफ - क्यों रसूख मियां कोई लड़की वड़की भी पटाई या यूं ही जवानी गुजार दी?
रसूख - नहीं! पटाई थी यार पर फिर तुम लोग मोहल्ला छोड़कर चले गये थे।
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सूरज भान जवान हुआ तो उसके परिवार की बड़ी-बूढ़ी महिलायें शादी या सामाजिक समारोहों में मौके-बेमौके हर कभी आकर चिकोटी काट जाती अब तुम्हारी बारी है!!
सूरज भान की यह समस्या तब खत्म हुई जब मृत्‍यु या शोक समारोहों में पहुंचने पर वो उन्हीं बड़ी बूढ़ी महिलाओं के पास पहुंच जाता और कहता - अब तुम्हारी बारी है, बुआ जी।